उत्तरप्रदेश सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना आज (20 फरवरी 2025) सुबह 11 बजे विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल बजट 8,08,736.06 करोड़ रुपये का बजट पेश किया।
क्षेत्रवार आवंटन :
- शिक्षा: 7.5%
- स्वास्थ्य: 6.2%
- कृषि और पर्यावरण: 4.3%
- बुनियादी ढांचा: 10.8%
- न्यायपालिका: 2.1%
विभिन्न विभागों को आवंटन
शिक्षा:
- प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा: 2000 करोड़ रुपये
- पीएम श्री योजना: 580 करोड़ रुपये
- समग्र शिक्षा अभियान: 666 करोड़ रुपये।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा:
- आयुष्मान भारत योजना: 3500 करोड़ रुपये
- सरकारी अस्पतालों का उन्नयन: 1500 करोड़ रुपये।
कृषि और पर्यावरण:
- जैविक खेती को बढ़ावा: 500 करोड़ रुपये
- वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण: 350 करोड़ रुपये।
इंफ्रास्ट्रक्चर:
- राज्य राजमार्गों के निर्माण व रखरखाव: 2900 करोड़ रुपये
- ग्रामीण सड़कें: 2700 करोड़ रुपये।
न्यायपालिका:
- हाई कोर्ट भवन निर्माण: 150 करोड़ रुपये
- जिला अदालतों के निर्माण के लिए: 120 करोड़ रुपये।
मंदिरों के लिए आवंटन
- प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों के रखरखाव व सुविधाओं के विकास हेतु 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
2025-26 के बजट की प्रमुख घोषणाएँ
1. आधारभूत संरचना और पर्यटन
- राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य सड़कों के विकास के लिए: ₹2,400 करोड़।
- पर्यटन विकास: राज्य के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर सुविधाएं बढ़ाने के लिए ₹100 करोड़।
2. शिक्षा और कौशल विकास
- 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना और 100 करोड़ रुपये की लागत से कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना।
- मुफ्त टेबलेट वितरण योजना के तहत छात्रों को डिजिटल शिक्षा हेतु टेबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
3. स्वास्थ्य और महिला कल्याण
- आयुष्मान भारत योजना का विस्तार, जिससे 10 लाख नए लाभार्थी जुड़ेंगे।
- महिला सुरक्षा और सहायता केंद्रों की स्थापना के लिए ₹700 करोड़ का प्रावधान।
4. कृषि और पर्यावरण संरक्षण
- जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु ₹500 करोड़ का बजट आवंटन।
- वन क्षेत्र को 10% बढ़ाने के लक्ष्य के साथ वृक्षारोपण हेतु ₹350 करोड़ का बजट।
5. धार्मिक स्थल और मंदिर विकास
- मंदिरों के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विकास के लिए ₹1,000 करोड़ का आवंटन।
6. ग्रामीण विकास और रोजगार
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ₹2,700 करोड़ का आवंटन।
- नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने के लिए ₹500 करोड़ का प्रावधान।
7. न्यायपालिका और कानून व्यवस्था
- नई अदालतों और हाई कोर्ट भवनों के निर्माण हेतु ₹150 करोड़।
- साइबर क्राइम से निपटने के लिए ₹100 करोड़** की लागत से आधुनिक साइबर सुरक्षा प्रणाली विकसित की जाएगी।