छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस


1 अक्टूबर, 2024 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य पर प्रत्येक जिले में 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाए जाने की घोषणा की।

भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10 नवंबर 2021 को आयोजित अपनी बैठक में 15 नवंबर 2021 जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला लिया। यह निर्णय भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के वर्ष भर चलने वाले उत्सव के हिस्से के रूप में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए है। 15 नवंबर महान आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा का जन्मदिन है, इस वजह से 15 नवंबर के दिन का चयन किया गया।


बिरसा मुंडा कौन थे ?

बिरसा मुंडा आदिवासी स्वतंत्रता कार्यकर्ता और लोक नायक थे जो मुंडा जनजाति से थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश राज के दौरान बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान झारखंड) में आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया जिसे मुंडा विद्रोह के नाम से जाना जाता है। यह विद्रोह मुख्य रूप से खूंटी, तमार, सरवाड़ा और बंदगांव के मुंडा बेल्ट में केंद्रित था।

बिरसा मुंडा ने मुंडा और उरांव समुदायों के साथ मिलकर ब्रिटिश ईसाई मिशनरियों के द्वारा किये जा रहे धर्मांतरण गतिविधियों के खिलाफ विद्रोह किया। उन्होंने आदिवासी लोगों को उनकी मूल पारंपरिक आदिवासी धार्मिक व्यवस्था को पालन करने को प्रेरित किया।