विनिमय दर क्या होता है ?


किसी अन्य मुद्रा के संदर्भ में किसी देश की मुद्रा की कीमत को विनिमय दर कहा जाता है। जिस बाजार में विभिन्न देशों की मुद्राओं का आदान-प्रदान, व्यापार या रूपांतरण होता है, उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है।


विनिमय दर तीन प्रकार की हो सकती है:

  1. अस्थायी विनिमय दर ( Flexible Exchange Rate System )
  2. निश्चित विनिमय दर ( Fixed Exchange Rate System)
  3. प्रबंधित विनिमय दर ( Managed Floating Rate System )


अस्थायी विनिमय दर: विनिमय दर की प्रणाली जिसमें किसी मुद्रा के मूल्य को स्वतंत्र रूप से समायोजित करने या विदेशी मुद्रा की मांग और आपूर्ति के अनुसार तैरने की अनुमति दी जाती है।

निश्चित विनिमय दर: यदि विनिमय दर सरकार द्वारा निर्धारित की जा रही है न कि मांग और आपूर्ति बलों द्वारा, इसे निश्चित विनिमय दर कहा जाता है।

प्रबंधित विनिमय दर: इस तरह की प्रणाली विनिमय दर में आंशिक रूप से उतार-चढ़ाव की अनुमति है, सरकार 1 से 3 प्रतिशत से अधिक उतार-चढ़ाव की अनुमति नहीं देती है। तो इस प्रणाली में विनिमय दर न तो निश्चित है और न ही मुक्त।

सममूल्य प्रणाली: इस प्रणाली (1947-1971) के तहत, IMF के प्रत्येक सदस्य ने सोने या US डॉलर के संदर्भ में अपनी मुद्रा के सममूल्य को बनाए रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए ब्रेटन वुड्स प्रणाली (1944-1970) समायोज्य पेग प्रणाली का उपयोग किया गया। इसके अंतर्गत प्रत्येक देश अपनी मुद्राओं को एक एंकर मुद्रा (अमेरिकी डॉलर) से जोड़ा जाता था तथा एंकर मुद्रा का मूल्य सोने से तय होता था।


स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, भारत ने IMF की सममूल्य प्रणाली का पालन किया। 15 अगस्त, 1947 को भारतीय रुपया और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर एक के बराबर थी (यानी, 1 $= 1 भारतीय रुपया)।