भारत के पहले आम चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
- पहले आम चुनाव में (जम्मू और कश्मीर को छोड़कर) कुल 173,212,343 मतदाता पंजीकृत थे, जिससे यह उस समय का सबसे बड़ा चुनाव बन गया। 21 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिक मतदान करने के पात्र थे।
- वर्ष 1949 में एक चुनाव आयोग बनाया गया और मार्च 1950 में सुकुमार सेन को पहले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। एक महीने बाद संसद ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम पारित किया।
- भारत में पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 और 21 फरवरी 1952 के बीच हुए, जो 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद पहला चुनाव था।
- चुनाव के पहले वोट हिमाचल प्रदेश की चीनी तहसील (जिला) में डाले गए।
- भारत का पहला आम चुनाव 68 चरणों में सम्पन्न हुआ था। कुल 196,084 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें से 27,527 बूथ महिलाओं के लिए आरक्षित थे।
- कुल 53 पार्टियों और 533 निर्दलीय उम्मीदवारों ने 489 सीटों पर चुनाव लड़ा।
- भारत के पहले आम चुनाव से पहले बीआर अंबेडकर ने कांग्रेस छोड़ दिया और अनुसूचित जाति महासंघ के अंदर बॉम्बे से चुनाव लड़ा परंतु कांग्रेस के नारायण काजरोलकर ने 15000 वोटो से हरा दिया।
- प्रथम आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को 45% वोट मिले और 489 में से 364 सीटें जीतीं। दूसरे स्थान पर रही सोशलिस्ट पार्टी को 11% वोटो के साथ भारत की दूसरी बड़ी पार्टी बानी और उसने 12 सीटें जीतीं। परंतु CPI ने 3.29% वोट मिलने के बाद भी 16 सीटो पर जीत दर्ज की।
- भारतीय जनसंघ ने भी पहले आम चुनाव 1951-52 में हिस्सा लिया था, जिसमें उसने केवल तीन लोकसभा सीटें जीती थीं, जिसमें हिंदू महासभा द्वारा जीती गई चार सीटें और राम राज्य परिषद द्वारा जीती गई तीन सीटें थीं।
- प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर थे।