बक्सर का युद्ध और बंगाल में ब्रिटिश शासन की सुरुआत - Battle Of Buxar

बक्सर का युद्ध, वर्तमान बिहार में पटना के पश्चिम में लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर गंगा नदी के तट पर स्थित शहर बक्सर हुआ था। यह युद्ध 22 और 23 अक्टूबर 1764 के बीच, हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और नवाब मीर की संयुक्त (अवध के नवाब, शुजा-उद-दौला और मुगल सम्राट, शाह आलम द्वितीय) सेना के बीच हुआ था।


बक्सर के कारण :

1. बंगाल पर प्रभुत्व : प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजो में मीर कासिम को नवाब बनाया परंतु कासिम को अंग्रेज कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते थे जो मीर कासिम को पसंद नहीं था।

2. एलिस के साथ विवाद : वर्ष 1761 में अंग्रेजी व्यापारिक कोठी के अध्यक्ष एलिस ने नवाब मीरकासिम की बढ़ती हुई शक्ति और नीति का विरोधी था। मीर कासिम के व्यापारिक क्षेत्र में भी एलिस मनमानी करते थे। यदि नवाब के अधिकारियों को विरोध करने पर अंग्रेज सैनिकों की सहायता से उनको पकड़कर बन्दी बना लिया जाता था।

3. संरक्षण की नीति : कलकत्ता में कंपनी के गवर्नर वांसीटार्ट से पहले कलकत्ता कौंसिल के सदस्य नवाब के डर से भागे हुए दोषी अधिकारियों को शरण और संरक्षण देते थे। परंतु वांसीटार्ट ने ऐसा नहीं किया।बिहार का सूबेदार रामनारायण ने जब नवाब के आदेश को नहीं मन तब वांसीटार्ट ने उसे आरक्षण देने के बजाय नवाब को सौप दिया जिससे नवाब का मनोबल बढ़ा।

4. व्यापारिक विवाद : अंग्रेज अफसर फर्रुखसियर द्वारा प्रदान कर मुक्त व्यापार का बेजा फायदा उठाते थे। वे इसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए करने लगे जिस वजह से नवाब ने उनसे 'चुंगी' की मांग की। अंग्रेजों ने नवाब से समझौते की कोशिस की परंतु वे असफल रहे। फलस्वरूप नवाब ने बंगाल को कर मुक्त व्यापार क्षेत्र बना दिया। इससे भारतीय और अंग्रेजी व्यापारियों के बीच समानता आ गई, जिसका विरोध अंग्रेजो ने किया।

5. मीरजाफर के साथ संधि : व्यापारिक विवाद के बाद अंग्रेजो ने मीरजाफर के साथ संधि कर ली। पुरानी कर व्यवस्था को पुनः लागू करने के लिए मीरजाफर मान गया। शड़यंत्र के तहत एलिस ने पटना पर हमला कर कब्जा कर लिया। परंतु कासिम को इस शड़यंत्र के बारे में पहले से पता था, उसने एलिस की सहायता के लिए जा रही नाव को रोक कर कब्जा कर लिया और पटना पर पुनः अधिकार कर लिया।


परिणाम :

इस युद्ध के बाद अंग्रेजो को बंगाल की राजनीतिक सत्ता और अधिकार प्राप्त हो गयी। 16 अगस्त, 1965 को शाह आलम व शुजा-उद-दौला के सातग इलाहाबाद ( वर्तमान प्रयागराज) की संधि हुई, जिसमे अवध को बफर स्टेट बना दिया गया और बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी अंग्रेजो को मिल गयी।


इन्हें देखें :

प्लासी का युद्ध