महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MANREGA) के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मजदूरी दरें
ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005, धारा 6 की उप-धारा (1) के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नई मजदूरी दरें अधिसूचित की गई हैं। ये दरें 1 अप्रैल से लागू होंगे। मनरेगा की मजदूरी दरें "उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रम (Consumer Price Index-Agriculture Labour)" में देखे गए परिवर्तनों के अनुसार निश्चित की जाती है। यह सूचकांक ग्रामीण क्षेत्रों की मुद्रास्फीति दर को दर्शाता है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 193 रुपये मजदूरी दर निर्धारित की थी। अब वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को 11 रुपये (193+11 = 204 रुपये) की बढ़ोतरी के साथ पारिश्रमिक दी जाएगी।
वृद्धि प्रतिशत :
34 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में से 21 को 5% से कम की बढ़ोतरी मिली है। वहीं 10 राज्यों को 5% की बढ़ोतरी दी गई है।
गोवा ने सबसे अधिक 7.14% की वृद्धि एवं मेघालय में सबसे कम बढ़ोतरी 1.77% की वृद्धि की गई है।
- 5 % वृद्धि - छत्तीसगढ़, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल, लक्षद्वीप, गोवा और कर्नाटक।
- 4-5% वृद्धि - उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना।
- 3-4% वृद्धि - ओडिशा, महाराष्ट्र, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली।
- 2-3% वृद्धि - तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी।
- 2% वृद्धि - नागालैंड और अरुणाचल।
अधिक मनरेगा मजदूरी वाले राज्य
- हरियाणा - 331 रुपये
- गोवा - 315 रुपये
- केरल - 311 रुपये
- कर्नाटक - 309 रुपये
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह - 308 रुपये
सबसे कम मनरेगा मजदूरी
- त्रिपुरा - 212 रुपये
- बिहार - 210 रुपये
- झारखंड - 210 रुपये
- छत्तीसगढ़ - 204 रुपये
- मध्य प्रदेश - 204 रुपये