खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला : Khairagarh Chhikhadan Gandai


खैरागढ़-छुईखदान-गंडई छत्तीसगढ़ का 31 वां जिला है, जिसकी घोषणा 16 अप्रैल, 2022 को खैरागढ़ उपचुनाव में मिली जीत के बाद सीएम भूपेश बघेल ने की। 18 अप्रैल 2022 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल की ओर से अधिसूचना का प्रकाशन किया गया। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले का उद्घाटन 3 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भेपेश बघेल ने किया।


मातृ जिला :

राजनांदगांव जिले से अलग करके खैरागढ़, गंडई और छुईखदान को मिलाकर नए जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई की घोषणा की गई।


जिले की स्थिति :

जिला के उत्तर में कबीरधाम जिला, दक्षिण में राजनांदगांव की डोंगरगढ़ तहसील, पूर्व में बेमेतरा जिले की साजा और दुर्ग जिले की धमधा तहसील, पश्चिम में बालाघाट जिला (मध्यप्रदेश) है।

जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है। कुल गांवों की संख्या 494 और तीन नगरीय निकाय हैं।


संगीत महाविद्यालय :

छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने विश्व विद्यालय इंदिरा संगीत कला विश्व- विद्यालय' की स्थापना वर्ष 1956 में खैरागढ़ के राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह ने अपनी संगीत प्रेमी पुत्री "इंदिरा" के नाम पर किया था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 14 अक्टूबर, 1956 को खैरागढ़ के राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती देवी ने अपना रिहायशी महल अनुदान के रूप में देकर की थी।


इतिहास :

छत्तीसगढ़ शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष 1497 ई. में खैरागढ़ रियासत के राजा लक्ष्मीनीधि राय के चारण कवी दलपत राव ने किया था। रचना की पंक्ति : 

लछ्मी निधि राय सुनो चित्त दे,

गढ़ छत्तीस में न गढ़ैया रही........ 


इन्हें देखें :