हिंदी भाषा में शब्दों में विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा गया है।
1.विकारी शब्द :
जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। विकारी शब्द, लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि से रूपांतरित होते रहते हैं। इसके अंतर्गत संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया आते हैं।
उदाहरण-
- लड़का खेलता है।
- लड़की खेलती है।
इनमें 4 प्रकार होते है, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया।
2.अविकारी शब्द :
ऐसे शब जिनका रूप अपरिवर्तनीय होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। अविकारी शब्द कभी और किसी परिस्थिति में अपने रूप को नहीं बदलते हैं।
उदाहरण-
- लड़का अभी खेलेगा
- लड़की अभी खेलेगी
जैसे : यहाँ, किन्तु, नित्य, और, हे, अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।
इनमें 6 प्रकार होते है, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक, उपसर्ग, निपात आदि आते हैं।
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