WEB 3.0 क्या है ? आसान भाषा में समझते है। What is 3.0 ? Understand in easy language



WEB 3.0 का पूरा नाम Third Generation of the World Wide Web है। यह वर्तमान हमारे द्वारा प्रयोग में किये जाने वाले इंटरनेट का नवीन संस्करण है। परंतु, यह अभी तक प्रचलन में नही आया है। वर्तमान में WEB 2.0 प्रचलित है। इस लिये WEB 3.0 को समझने के लिए WEB 1.0 और WEB 2.0 को समझना जरूरी है।

WEB 1.0 :
अंग्रेजी वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में रॉबर्ट कैलियाउ के साथ वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया था। उन्होंने पहला वेब ब्राउज़र 1990 में बनाया। इसके बाद WEB 1.0 की सुरूआत हुई जो वर्ष 1991 से 2004 तक चला।

यह केवल पढ़ने के लिए सूचना का एक स्रोत (simple static websites ) था। अधिकांश वेबसाइट सामग्री सीधे वेबसाइट फ़ाइलों में संग्रहीत की गई थी, डेटाबेस का इस्तेमाल नहीं किया जाता था।


WEB 2.0
वास्तव में कब WEB 1.0 समाप्त होता है और WEB 2.0 शुरू होता है, इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह एक तकनीकी बदलाव है जो समय के साथ धीरे-धीरे हुआ क्योंकि इंटरनेट अधिक इंटरैक्टिव हो गया। WEB 2.0 शब्द 1999 में Darci DiNucci द्वारा गढ़ा गया था। इसका काल 2004 से वर्तमान तक माना जाता है।

उपयोगकर्ता के लिए वेबसाइटें अधिक इंटरैक्टिव हो गईं। उपयोगकर्ता ऑनलाइन भुगतान करने में सक्षम थे। वेब ब्राउज़र प्रौद्योगिकियों का उपयोग वेब 2.0 विकास में किया जाता है और इसमें AJAX और JavaScript शामिल हैं। हाल ही में, AJAX और JavaScript फ्रेमवर्क WEB 2.0 साइट बनाने का एक बहुत लोकप्रिय साधन बन गया है।

WEB 2.0 से क्या नुकसान है ?
यह विकेन्द्रित ( Decentralize) नहीं है। इंटरनेट का ज्यादातर कॉन्टेंट आप Google, bing, yahoo के जरिए सर्च करते हैं और ये सभी एक प्राइवेट कंपनिया है। इन्हीं कंपनियों के पास यूजर्स का डेटा होता है और इस वजह से इनके पास ज्यादा शक्ति है। 


WEB 3.0 / Semantic Web
Web 3.0 या सिमेंटिक वेब वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) द्वारा निर्धारित मानकों के माध्यम से वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का विस्तार है। सिमेंटिक शब्द टिम बर्नर्स-ली द्वारा "डेटा के एक वेब" के लिए दिया गया था जिसे मशीनों द्वारा संसाधित किया जा सकता है।

Web 3.0 का कॉन्सेप्ट बड़ी कंपनियों के मोनॉपली को खत्म कर सकता है। Web 3.0 में कोई एक कंपनी नहीं होगी, बल्कि हर यूजर ही अपने अपने कॉन्टेंट के मालिक होंगे। Web 3.0 का कॉन्सेप्ट इंटरनेट को डिसेंट्रलाइज करना है। 

डेटा के साथ Semantics के एन्कोडिंग को सक्षम करने के लिए, Resource Description Framework (RDF) और Web Ontology Language (OWL) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इन तकनीकों का उपयोग मेटाडेटा (Metadata) का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।


Written by : Praveen Singh