कौन है अबूझमाड़िया ? Who are abujhmadiya ?

प्रतीकात्मक तस्वीर


अबूझमाड़िया जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में निवास करते है। ये गोंड़ जनजाति की उप-जनजातियों में से एक हैं। क्षेत्रवासियों को अबूझमाड़ तथा अबूझमाड़िया शब्द बाहरी लोगो के द्वारा दिया गया है। अबूझमाड़िया, स्वयं को मेटा ‘कोईतोर’ अर्थात ‘पर्वतीय भूमि के निवासी’ कहते हैं। ये छत्तीसगढ़ राज्य में 5 विशेष पिछड़ी जनजातियों में सेे है।

नाम कैसे मिला ?

अबूझमाड़ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कैप्टेन सी. एल. आर. ग्लसफर्ड (1866-67) ने अपनी रिपोर्ट में "उबूझमार्ड" शब्द के रूप में किया था। वर्ष 1870 में ग्रांट ने गजेटियर में इस क्षेत्र के लिये "माड़ियान" या "अबूझमार्ड" शब्द का प्रयोग किया था। हिस्लॉप (1876) ने हिन्दू ट्राइब्स एण्ड कॉस्ट्स, भाग-2 में "अबूझमाड़" शब्द का प्रयोग किया था। उन्होंने अबूझमाड़ शब्द की व्याख्या करते हुए लिखा है कि यह पृथक मानव समूह देश के सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्र में रहता है, जिसे "माडियान या "अबूझमाड़" के नाम से जाना जाता हैं।


जीवन शैली :

अबूझमाडिये सर में दुमेग, पुंजरा, क्लिप, बांस की कंधी और एक चाकू जिसे महिला बालों पर और पुरुष गले में लटका कर रखते थे, 

संगीत और नृत्य इस जनजाति की जीवनशैली का एक अभिन्न भाग हैं। अकुम (हवा), बिरिया ढोल इनके नृत्यों एवं उत्सवों के प्रदर्शन के समय प्रयोग आने वाले महत्वपूर्ण संगीत वाद्ययंत्र हैं।


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