संसद में 11 अगस्त, 2021 को सर्वसम्मति से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के सामने पेश किया गया। राष्ट्रपति से 18 अगस्त को मंजूरी मिलने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
127 वां विधेयक या बिल के रूप में दोनों सदनों से पास हो राष्ट्रपति से हस्ताक्षरित यह 105 वां संशोधन अधिनियम बना जिसके तहत राज्यों को पिछड़ी जातियों (OBC) की लिस्टिंग का अधिकार मिल गया। संविधान के अनुच्छेद 342ए में संशोधन किया गया है इसके साथ ही अनुच्छेद 338बी और 366(26) सी में भी संशोधन हुए हैं। अब राज्य सरकारें अपने राज्य के हिसाब से अलग-अलग जातियों को ओबीसी कोटे में डाल सकेंगी।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग एक्ट, 1993 के अंतर्गत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की स्थापना की गई थी। संविधान (एक सौ दूसरा संशोधन) एक्ट, 2018 ने एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा दिया है।
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