नारायणपाल मंदिर बस्तर के संभागीय मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक विष्णु मंदिर है।
नारायणपाल मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में छिंदक नागवंशी नरेश जगदेक भूषण की रानी गुंडमहादेवी (राजभूषण सोमेश्वर देव की माता) ने सोमेश्वर देव के मृत्यु उपरांत अपने पौत्र कन्हरदेव के शासनकाल में कराया था, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण सोमेश्वर देव की प्रेरणा से करवाया था। वहीं मंदिर के पास नारायणपुर नामक गांव भी बसाया जो कालांतर में नारायणपाल हो गया। यह गांव इंद्रावती और नारंगी नदी के संगम पर स्थित है। मंदिर में एक खंडित भगवान विष्णु की प्रतिमा है।
निर्माण शैली :
नारायणपाल मंदिर का वास्तुकला की चालुक्य शैली का प्रभाव है। मंदिर का द्वार अलंकृत एवं बेशरशैली का सप्तरथ योजना का उच्च साधारण शिखर है।