प्रफुल चंद्र राय
प्रसिद्ध शिक्षाविद् और रसायनज्ञ. प्रफुल चंद्र राय को भारत की पहली फार्मास्यूटिकल कंपनी, बंगाल रसायन एवं फार्मास्यूटिकल्स के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
सलीम अली (1896 - 1987)
सलीम अली अपने समय के महान प्रकृतिवादी रहे हैं. पक्षीविज्ञान को विकसित करने में इनका अहम योगदान रहा है. इनके इसी योगदान के लिए इन्हें 'Birdman of India' के नाम से भी जाना जाता है।
श्रीनिवास रामानुजन् (1887 - 1920)
श्रीनिवास रामानुजन् एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है. इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण और संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। वर्ष 1914 में, रामानुजन ने पाई (π) की गणना के लिए सूत्र की खोज की जो तेजी से अभिसरण करता है।
चन्द्रशेखर वेंकट रामन (1888 - 1970)
चन्द्रशेखर वेंकट रामन भारतीय भौतिक-शास्त्री थे. प्रकाश के प्रकीर्णन पर बेहतरीन कार्य के लिये वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया. उनका आविष्कार उनके ही नाम पर रामन प्रभाव के नाम से जाना जाता है।
होमी जहांगीर भाभा (1909 - 1966)
होमी जहांगीर भाभा भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे. इन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी. उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की मदद से मार्च 1944 में नाभिकीय ऊर्जा पर अनुसंधान की शुरुआत की।
साराभाई (12 अगस्त 1919 – 30 दिसंबर 1971)
डॉ. साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। 11 नवंबर, 1947 को अहमदाबाद में विक्रम साराभाई ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) की स्थापना की। उस समय उनकी उम्र केवल 28 वर्ष थी। 1966 में नासा के साथ डॉ.साराभाई के संवाद के परिणामस्वरूप, जुलाई 1975-जुलाई 1976 के दौरान उपग्रह अनुदेशात्मक दूरदर्शन परीक्षण (एसआईटीई) का प्रमोचन किया गया (जब डॉ. साराभाई का स्वर्गवास हो चुका था)।
जगदीश चन्द्र बसु (1858 - 1937)
डॉ. जगदीश चन्द्र बसु भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे. इन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पति विज्ञान और पुरातत्व का गहरा ज्ञान था. वे ऐसे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर काम किया।
सत्येन्द्रनाथ बोस (1894 - 1974)
सत्येन्द्रनाथ बोस भारतीय गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री हैं. भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं - बोसान और फर्मियान. इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही हैं।
अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015)
अब्दुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम, जिन्हें डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित रहे राष्ट्रपति हैं. वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात हैं।
नरिंदर सिंह कपाणी (31 अक्टूबर 1926 - 4 दिसंबर 2020) :
नरिंदर सिंह कपाणी एक भारतीय-अमेरिकी भौतिक विज्ञानी थे जो फाइबर ऑप्टिक्स पर अपने काम के लिए जाने जाते थे। उन्हें फाइबर ऑप्टिक्स का आविष्कार करने का श्रेय दिया जाता है, और उन्हें 'फाइबर ऑप्टिक्स का जनक' माना जाता है। फॉर्च्यून ने उनके नोबेल पुरस्कार-योग्य आविष्कार के लिए उन्हें सात '20वीं सदी के अनसंग नायकों' में से एक का नाम दिया। उन्हें 2021 में मरणोपरांत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।