भारतीय राज्यों का पुनर्गठन

 


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के अनुसार संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है।

1950 में भारतीय संविधान ने भारत को चार वर्गों में विभाजित किया था।

भाग – क / ( Part-A) –   जहाँ ब्रिटिश भारत में गवर्नर का शासन था।
भाग – ख  / ( Part-A) – 9 राज्य विधानमंडल के साथ शाही शासन।
भाग – ग / ( Part-A) – ब्रिटिश भारत के मुख्य आयुक्त का शासन एवं कुछ में शाही शासन था। इसमें कुल 10 राज्य थे जिसमे केंद्रीकृत शासन था।
भाग – घ  / ( Part-A) – इस भाग में केवल अंडमान एवं निकोबार को रखा गया।


धर आयोग
1948 में धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने की लिए कांग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू, बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या की एक समिति का गठन किया. इस समिति ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया। इस फैसले की वजह से राज्यों में अत्यधिक असंतोष फ़ैल गया अत: भारत सरकार ने दिसम्बर 1948 भाषायी प्रांत समिति / जेवीपी समिति का गठन किया।

भाषायी प्रांत समिति / जेवीपी (JVP) समिति
जवाहरलाल नेहरु, वल्लभ भाई पटेल और पट्टाभिसीतारमैया की अध्यक्षता में दिसम्बर 1948 एक समिति का गठन किया गया है । इस समिति ने अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट पेश की इसने भी सिफारिश की कि राज्यों के पुनर्गठन का आधार भाषा के आधार पर न होकर प्रशासनिक सुधार के आधार पर होना चाहिए।

पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन
वर्ष 1952 मेंं 56 दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर, 1952 को रामुल्लू की मृत्यु हो गई। रामुल्लू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलगुभाषियों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी। 1 अक्टूबर, 1953 को आंध्र प्रदेश राज्य का गठन हो गया. यह राज्य स्वतन्त्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था।


फजल अली आयोग 
22 दिसम्बर 1953 में न्यायाधीश फजल अली की अध्यक्षता में पहले राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ।

जिसके तीन सदस्य थे –

  • फज़ल अली (अध्यक्ष)
  • के. एम. पणिक्कर
  • एच. एन. कुंजुरु

इस आयोग ने 30 सितंबर 1955 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। वर्ष 1955 में इस आयोग की रिपोर्ट आने के बाद  7 वाँ संविधान संसोधन अधिनियम 1956 द्वारा राज्य पुनर्गठन आयोग (1956) स्थापित किया गया। 1956 में नए राज्यों का निर्माण हुआ और 14 राज्य व 6 केन्द्र शासित राज्य बने।


अन्य राज्यो का गठन

  • नवंबर, 1954 को फ्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी, यनाम, चंद्रनगर और केरिकल को भारत को सौंप दिया। 28 मई, 1956 को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गए. इसके बाद इन सभी को मिला कर 'पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र' का गठन किया गया।
  • भारत सरकार ने 18 दिसंबर, 1961 को गोवा, दमन द्वीप की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्रवाई की और उन पर पूर्ण अधिकार कर लिया. बारहवें संविधान संशोधन द्वारा गोवा, दमन और द्वीप को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके अभिन्न अंग बना दिया गया।
  • 1 मई, 1960 को मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई।
  • नागा आंदोलन के कारण असम को विभाजित करके 1 दिसंबर, वर्ष 1963  में नागालैंड को अलग राज्य बनाया गया।
  • 1 नवंबर, वर्ष 1966 में पंजाब को विभाजित करके (पंजाबी भाषा) एवं हरियाणा (हिंदी भाषी) दो राज्य बना दिए गए।
  • 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
  • 21 जनवरी, 1972 मणिपुर, त्रिपुरा एवं मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
  • 26 अप्रैल,1975 सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।
  • 20 फरवरी, 1987 में मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
  • 30 मई, 1987 में गोवा को 25वां राज्य का दर्जा दिया गया।
  • 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ 26वां राज्य, 9 नवंबर, 2000 में उत्तरांचल (अब उत्तराखंड) 27वां राज्य, 15 नवंबर, 2000 को झारखंड 28वां राज्य और 02 जून, 2014 को तेलंगाना को भारत का 29वां राज्‍य बनाया गया।
  • जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।

अब (2021) देश में कुल राज्यों की संख्या 28 होगी और कुल केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 होगी।


क्षेत्रीय परिषद

भारत में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं. इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केंद्रीय गृहमंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है. संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं, जो प्रतिवर्ष बदलते रहते हैं।

भारत में गठित कुल 5 क्षेत्रीय परिषदों पर सम्मिलित राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:
(i) उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: पंजाब, हरियाण, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश राज्य तथा चंडीगढ़ एवं दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र।
(ii) मध्य क्षेत्रीय परिषद: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़।
(iii) पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, असम, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, अरुणांचल प्रदेश तथा मिजोरम।
(iv) पश्चिम क्षेत्रीय परिषद: गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा राज्य, दमन दीव एवं दादर तथा नागर हवेली संघ राज्य क्षेत्र।
(v) दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्य एवं पुदुचेरी संघ राज्य क्षेत्र।


नए राज्‍यों का गठन वर्ष

  1. आंध्र प्रदेश – 1953
  2. महाराष्‍ट्र – 1960
  3. गुजरात – 1960
  4. नागालैंड – 1963
  5. हरियाणा – 1966
  6. हिमाचल प्रदेश – 1971
  7. मेघालय – 1972
  8. मणिपुर, त्रिपुरा – 1972
  9. सिक्किम – 1975
  10. मिजोरम – 1987
  11. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड एवं झारखंड – 2000
  12. तेलंगाना – 2014