भारत का भूगोल - Geography (bhugol) of India

Geography - भूगोल शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम इस्तेमाल ग्रीक विद्वान इरेटॉस्थेनीज़ ने (276-194 ई. पू.) ने किया था। Geography शब्द ग्रीक भाषा के दो मूल शब्दों Geo (पृथ्वी) तथा Graphqs (वर्णन करना) से बना है। इसका शाब्दिक अर्थ 'पृथ्वी का वर्णन' करना है। 


भारत के मूख्य भू-भाग का अक्षांशीय विस्तार 8° 4′ से 37° 6′ उत्तर है।

  • भारत के मुख्य भू-भाग का देशांतरीय विस्तार 68° 7′ से 97° 25′ पूर्व है।
  • उत्तर दक्षिण विस्तार 3214 कि. मी. है।
  • पूर्व पश्चिम विस्तार 2933 कि. मी. है।
  • विश्व की कुल भूमि का 2.4% भाग भारत में है।
  • भारत पूर्णतः उत्तरी गोलार्द्ध तथा पूर्वी गोलार्द्ध में आता है।
  • कर्क रेखा (23° 30′ उत्तरी अक्षांश) भारत के लगभग मध्य से गुजरती है।
  • भारत की मानक मध्यान्ह (82° 30′ पू. देशांतर) रेखा देश के लगभग मध्य से गुजरती है।
  • भारत तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है अर्थात अरब सागर (पश्चिम), बंगाल की खाड़ी (पूर्व) तथा हिन्द महासागर (दक्षिण) से।
  • कन्याकुमारी भारतीय मुख्य भू-भाग का दक्षिणतम् बिन्दु (8° 4′ उत्तरी अक्षांश) है।