छत्तीसगढ़ में विद्युत परियोजना

छत्तीसगढ़ राज्य के मध्यप्रदेश से अलग होने के ठीक एक महीने बाद छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (सीएसईबी) अस्तित्व में आया। इसके बाद विद्युत अधिनियम 2003 के तहत छग शासन ने 31 दिसम्बर 2008 को सीएसईबी के विखंडन का आदेश जारी कर विद्युत उत्पादन, पारेषण, वितरण और विद्युत व्यापार की चार स्वतंत्र कंपनियों के अलावा पांचवी कंम्पनी होल्डिंग कंपनी बनाई गई। इन कंपनियों ने 1 जनवरी 2009 से कार्य करना शुरू कर दिया।

पुनर्गठन:
होल्डिंग का ट्रांसमिशन और ट्रेडिंग का वितरण कंपनी में मर्ज हो जाने के बाद पांच में से तीन कंपनी ट्रांसमिशन, वितरण और उत्पादन कंपनी सहित तीन कंपनियां ही रह जाएगी। 31 मार्च 2021 तक ।

 
क्र. विद्युत परियोजना क्षमता(MW) परिचालन(वर्ष)
अ. तापविधुत गृह
1 कोरबा विधुत गृह कोरबा (पूर्व), गृह क्रमांक 2,3 4×50=200, 2×120=240 1966-68, 1976-81
2 डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी तापविद्युत गृह, कोरबा पूर्व 2×250=500 2007
3. हसदेव ताप विद्युत गृह, कोरबा पश्चिम 4×210=840 1983-86
4 कोरबा पश्चिम विस्तार संयंत्र 1×500 2013
5 मड़वा तेंदुभाठा ताप विद्युत गृह, जांजगीर चांपा 2×500=1000 2015—16
6. भोरमदेव सह उत्पादन कवर्धा 1×6 2006
जलविद्युत गृह
1. मिनिमाता हसदेव बांगो जलविद्युत गृह 3×40 = 120 1994– 95
2. गंगरेल 4×2.5=10 2004
3. सिकासार 2×3.5 2006
4. लघु जलविद्युत गृह (कोरबा पश्चिम ) 2×0.85 2003,2009
योग 3424.70 MW



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