छत्तीसगढ़ में "त्यौहार'' को "तिहार" कहा जाता है और राज्य में त्योहार मनाने के लिए भरपूर तैयारी भी की जाती है।
छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार निम्नलिखित हैं -
पूूूूर्णिमा
छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार निम्नलिखित हैं -
पूूूूर्णिमा
- चैत्र – नवरात्रि , माटी तिहार ( चैत्र )
- बैशाख – अक्ती, अक्षय–तृतीय। ( शुक्ल पक्ष )
- आषाढ़ – जुड़वासन
- श्रावण (सावन)- (कृष्ण पक्ष अमावस्या)हरेली, (शुल्क पक्ष पंचमी) नागपंचमी, (शुक्ल पक्ष अमावस्या) रक्षाबंधन
- भाद्रपद (भादो)- (कृष्ण पक्ष प्रतिपदा) भोजली, (कृष्ण पक्ष षष्ठी) हल षष्ठी/कमरछठ, (कृष्ण पक्ष अष्टमी) कृष्ण जन्माष्टमी, (कृष्ण पक्ष अमावस्या) पोला/पोरा, (शुल्क पक्ष तृतीय) तिजा, (शुक्ल पक्ष चतुर्थी) गणेश चतुर्थी, (शुक्ल पक्ष पूूूूर्णिमा) नवाखानी
- पोला
- तीजा
- नेवरात ( नवरात्रि )
- दशेरा (दशहरा)
- देवारी (दीपावली)
- नवाखाना
- छेरछेरा - पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है।
- फागुन (होली)
अन्य :
छत्तीसगढ़ में खेतों में फसलों की लुआई पूरी हो जाने के बाद लुआई को अंतिम रूप देना 'बढ़ौना' कहा जाता है। 'बढ़ौना' की परंपरा प्रायः घर के मुखिया द्वारा होती है।
इन्हे देखें :