ढांढल नृत्य छत्तीसगढ़ के कोरकू जनजाति के लोगो के द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। यह एक पुरुष प्रधान नृत्य है, इसमे केवल कोरकू पुरुष ही भाग लेते है।
ढांढल नृत्य ग्रीष्म ऋतु की रातों में किया जाता है। पावस की प्रतीक्षा को नृत्य के आह्नादित अवकाश में बदलते युवक ढांढल यानी आड़ी लकड़ी को कलात्मक आयाम देते हुए लहराकर नृत्यमय आकृतियां उकेरते हैं।
कोरकू जनजाति के लोग पर्व त्योहारों में ढॉंढल के अलावा थापटी, गादली, होरोरिया, चिलौरी, आदि कई नृत्य करते है।
कोरकू जनजाति के लोग पर्व त्योहारों में ढॉंढल के अलावा थापटी, गादली, होरोरिया, चिलौरी, आदि कई नृत्य करते है।
प्रमुख जनजाति
प्रमुख जनजाति नृत्य
इन्हे भी देखें :
विश्व आदिवासी दिवस
छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित अनुसूचित क्षेत्र
छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति
विशेष पिछड़ी जनजातियों हेतु मुख्यमंत्री 11 सूत्री कार्यक्रम
अनुसूचित जनजातियों की समस्याएँ
अनुसूचित जनजातियों की साक्षरता दर
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989