(Dalha)दल्हा पहाड़ छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चाम्पा जिले के अकलतरा तहसील में स्थित है। यह धर्मिक से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। दल्हा या दलहा पहाड़ की उंचाई करीब 750 मीटर है। स्थानीय मान्यता बहूत है।मुनि का आश्रम और सूर्यकुंड प्रसिद्ध है यहां। सतनामी समाज के संस्थापक गुरु घासीदास जी ने यहीं दल्हापोड़ी में अपना अंतिम उपदेश दिया था।
नाग पंचमी:
नागपंचमी पर दल्हा में स्थित सूर्यकुंड कुंड की महत्ता सबसे ज्यादा होती है। इसका पानी पीने हजारों लोग जंगलों, पर्वतों और पत्थरों से भरे रास्ते पैदल आते हैं। लंबा रास्ता तय करने के बाद चार किलोमीटर की सीधी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन कुंड का पानी पीने से लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। लोगों में किसी भी प्रकार की बीमारी हो, यहां का पानी पीने से चली जाती है। इसलिए हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु भक्त नागपंचमी के दिन इस कुंड का पानी पीने कई किलोमीटर दूर से पैदल चलकर आते हैं।