व्यास सम्मान, भारत मेे साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला सम्मान है, जो भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष1991 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन के द्वारा किया गया था। इस पुरस्कार में 4 लाख रुपए नकद प्रदान किए जाते हैं। 10 वर्षों के भीतर प्रकाशित हिन्दी की कोई भी साहित्यिक कृति इस पुरस्कार की पात्र हो सकती है।
पहला व्यास सम्मान प्रसिद्ध आलोचक डॉ. रामविलास शर्मा को साल 1991 में पहला व्यास सम्मान मिला ।
व्यास सम्मान 2019 :
लेखिका "नासिरा शर्मा" को वर्ष 2014 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘कागज की नाव’ के लिए।
लेखिका "नासिरा शर्मा" को वर्ष 2014 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘कागज की नाव’ के लिए।
व्यास सम्मान 2020 :
24 मार्च, 2021 को के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रो. शरद पगारे को 30 वां व्यास सम्मान प्रदान किए जाने की घोषणा की गई।
व्यास सम्मान 2021 :
असगर वजाहत के नाटक ‘महाबली’ के लिए उन्हें 31वें ‘व्यास सम्मान’ से नवाज़ने का फैसला किया गया। यह नाटक 2019 में प्रकाशित हुआ है।