रेपो रेट:
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा बैंको को कर्ज दिया जाता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज, जैसे होम लोन, कार लोग अब सस्ते हो जाएंगे। हालांकि बैंक इसे कब तक और कितना कम करेंगे ये उन पर निर्भर करता है। RBI इसे हर तिमाही के आधार पर तय करता है।
रिवर्स रेपो रेट:
यह दर, रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा राशि पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट का इस्तेमाल बाजार में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी आ जाती है, RBI रिवर्स रेपो रेट को बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।