छत्तीसगढ राज्य के दुर्ग जिले को विभाजित कर 21 वें जिले के रूप में बालोद एवं 22वें जिले के रूप में 13 जनवरी 2012 को बेमेतरा जिला का गठन किया गया। जिले में पांच तहसीलों के अंतर्गत 700 गांव, 387 ग्राम पंचायत तथा एक नगर पालिका बेमेतरा है। जिले के सभी 700 आबाद गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है।
बेमेतरा नगर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के हिसाब से 28226 है। बेमेतरा नगर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली व माता शीतला के प्रसिद्ध मंदिर हैं। बेमेतरा जिला शिवनाथ, सुरही, हाफ और संकरी नदी के प्रवाह क्षेत्र में आता हैं।
इतिहास :-
सन् 1742 ई. में यह क्षेत्र मराठों के तथा सन् 1853 से भोसले राजा के अधीन रहा। कहा जाता है प्राचीन समय में यहॉ व्योमतारा नाम की रानी का राज्य था, जिसके नाम पर इस नगर का नाम बेमेतरा पड़ा। बाद में यहॉ जमींदारी प्रथा लागू हुई। यहॉ के अंतिम जमींदार जरब सिंह वर्मा रहे। सन् 1857 से सन् 1906 तक पूरा दुर्ग तहसील रायपूर जिले में शामिल था। बेमेतरा सिमगा तहसील के अंतर्गत था एवं नवागढ़ क्षेत्र बिलासपुर जिले में था। सन् 1906 ई. में जब दुर्ग जिला बना तो जिले के तीन तहसीलों में बेमेतरा प्रमुख तहसील था। प्रारंभिक समय से बेमेतरा तहसील में नवागढ़, बेरला और साजा विकासखंड शामिल थे जो 1 जनवरी 2012 से नवगठित बेमेतरा जिले के भी साथ हैं।
पर्यटन :-
बेमेतरा नगर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली व माता शीतला के बेमेतरा से 15 किमी. की दुरी पर देवरबीजा ग्राम में स्थित सीता मंदिर और रायपुर जीले की सरहद में शिवनाथ और खारून नदी के संगम में अत्यंत रमणीय व धार्मिक पर्यटक स्थल सोमनाथ का मंदिर इस जिले की शोभा बढ़ाते हैं।
बेमेतरा नगर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के हिसाब से 28226 है। बेमेतरा नगर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली व माता शीतला के प्रसिद्ध मंदिर हैं। बेमेतरा जिला शिवनाथ, सुरही, हाफ और संकरी नदी के प्रवाह क्षेत्र में आता हैं।
इतिहास :-
सन् 1742 ई. में यह क्षेत्र मराठों के तथा सन् 1853 से भोसले राजा के अधीन रहा। कहा जाता है प्राचीन समय में यहॉ व्योमतारा नाम की रानी का राज्य था, जिसके नाम पर इस नगर का नाम बेमेतरा पड़ा। बाद में यहॉ जमींदारी प्रथा लागू हुई। यहॉ के अंतिम जमींदार जरब सिंह वर्मा रहे। सन् 1857 से सन् 1906 तक पूरा दुर्ग तहसील रायपूर जिले में शामिल था। बेमेतरा सिमगा तहसील के अंतर्गत था एवं नवागढ़ क्षेत्र बिलासपुर जिले में था। सन् 1906 ई. में जब दुर्ग जिला बना तो जिले के तीन तहसीलों में बेमेतरा प्रमुख तहसील था। प्रारंभिक समय से बेमेतरा तहसील में नवागढ़, बेरला और साजा विकासखंड शामिल थे जो 1 जनवरी 2012 से नवगठित बेमेतरा जिले के भी साथ हैं।
पर्यटन :-
बेमेतरा नगर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली व माता शीतला के बेमेतरा से 15 किमी. की दुरी पर देवरबीजा ग्राम में स्थित सीता मंदिर और रायपुर जीले की सरहद में शिवनाथ और खारून नदी के संगम में अत्यंत रमणीय व धार्मिक पर्यटक स्थल सोमनाथ का मंदिर इस जिले की शोभा बढ़ाते हैं।