सूरजपुर जिला Surajpur Jila



जिला - सूरजपुर
स्थापना - 1 जनवरी 2012
मातृ जिला - सरगुजा
मुख्यालय - सूरजपुर
क्षेत्रफल - 49998 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या - 789043
तहसील - सूरजपुर, प्रतापपुर, ओडगी, भैयाथान, रामानुजनगर, प्रेमनगर
विकासखण्ड - सूरजपुर, प्रतापपुर, ओडगी, भैयाथान, रामानुजनगर, प्रेमनगर
नगर पालिका - 1
नगर पंचायत - 4
जनपद पंचायत - 6
ग्राम पंचायत - 392
जनजातियां - गोंड़, उराव, पण्डो, कोरवा, नगेशिया, बैगा।
पर्यटन - कुदरगढ़, बिलद्वार गुफा, तमोरा पहाड़, देवी झरिया, ऑक्सीजन पार्क, शिव पार्क, दियागढ़, तमोरा पिंगला।
नदी - रिहंद, महान।
जलप्रपात - तुर्रा, रक्सगंडा।

पर्यटन

कुदरगढ़ देवी धाम:
सूरजपुर तहसील के भैयाथान, ओड़गी विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूरी पर एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है - "कुदरगढ़"। यहां एक प्राचीन किला भग्नावशेष एवं शक्ति की आकृतियां प्राचीन कलाशिल्प है। कुदरगढ़ की लगभग 2000 फीट की ऊंची पहाड़ी पर एक देवी मूर्ति है। जिसे कुदरगढ़ी देवी नाम से जाना जाता है। देवी मूर्ति कुदरती होने के कारण यह देवी कुदरगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है। आदिकाल में इस देवी को बनवासी लोग आदिशक्ति वन देवी के नाम से पूजा करते थे। यह कुदरती देवी इस अंचल के आदिवासियों की शक्ति उपासना की प्रमुख देवी है। कुदरगढ़ी देवी को "बागेश्वरी देवी" के नाम से भी जाना जाता है, ये कुदरगढ़ी देवी वाणी की देवी सरस्वती की अवतार मानी जाती है।

सारासोर:
भैयाथान विकाखंड रोड पर 15 किलोमीटर की दूरी पर महान नदी के तट पर सारासौर नामक स्थान हैं। यहाँ सारासोर जलकुण्ड है, यहाँ महान नदी खरात एवं बड़का पर्वत से होते हुई पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है।

कुमेली घाट:
सूरजपुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दुरी पर रामानुजनगर विकासखंड के ग्राम में स्थित कुमेली घाट जलप्रपात स्थित है। प्रशासन ने भी पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुए यहाॅ झरने तक जाने के लिए सीढ़ियाॅ तथा 35 फिट उॅचा मचान भी बनाया है। यहाॅ शिव जी का पुराना मंदिर भी स्थित है स्थानीय लोग मंदिर में पूजा करने व शिवरात्री के समय जल चढाने भी भीड़ होती है।

रकसगण्डा:
ओड़गी विकासखण्ड में बिहारपुर ग्राम के निकट बलंगी नामक स्थान के समीप रिहंद नदी (रेड नदी) पर्वत श्रृंखला की उंचाई से गिरकर रकसगण्डा जल प्रताप का निर्माण करती है। जिससे वहां एक संकरे कुण्ड का निर्माण होता है।

झनखा घाट:
भैयाथान विकाखंड मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूरी पर रिहंद नदी पर स्थित झनखा नामक घाट प्राकृतिक स्थल है।

सारसताल:
सूरजपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हसदेव नदी का यह घाट अपनी बड़ी बड़ी चट्टानों के लिए काफी लोकप्रिय है। 

लफरी घाट:
ओडगी विकासखंड के टमकी ग्राम के समीप रिहंद नदी का यह घाट अपनी पहाड़ीयों के कारण पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है।