ढोलकल गणेश ( Source : dantewada.nic.in ) |
ढोलकल पहाड़ी बैलाडीला की पहाड़ी श्रृंखला में छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा में स्थित है। यह पहाड़ी एक पर्यटन क्षेत्र है। ढोलकल पहाड़ी पर 11 वीं शताब्दी की गणेश प्रतिमा विराजित विराजित है। प्रतिमा साढ़े तीन फीट ऊंची काले ग्रेनाईट से बनी है।
जनवरी 2017 में गणेश प्रतिमा को नक्सलियों द्वारा 2500 फीट ऊंची ढोलकल पहाड़ी से गिरा दिया गया था। जिससे प्रतिमा के 15 टुकड़े हो गए। जिसे बाद में ढूंढ कर स्थापित किया गया।
इतिहास :
ढोलकल शिखर की खोज स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा हुई थी। जानकारों के मुताबिक 11 वीं शताब्दी में छिंदक नागवंशी राजाओं द्वारा ढोलकल पहाड़ी में गणेश प्रतिमा स्थापित कराया गया था। इस प्रतिमा इर्दगिर्द सूर्य व शिव की प्रतिमा भी स्थापित थी। लेकिन वर्तमान में यहां अब अवशेष ही शेष हैं।
स्थानीय मान्यता है कि इस पहाड़ी पर परशुराम व गणेश के मध्य युद्ध हुआ था। इस दौरान गणेश का एक दन्त यंहा टूट गया था।जिस वजह से इस गांव का नाम फरसपाल रखा गया।
जनवरी 2017 में गणेश प्रतिमा को नक्सलियों द्वारा 2500 फीट ऊंची ढोलकल पहाड़ी से गिरा दिया गया था। जिससे प्रतिमा के 15 टुकड़े हो गए। जिसे बाद में ढूंढ कर स्थापित किया गया।
इतिहास :
ढोलकल शिखर की खोज स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा हुई थी। जानकारों के मुताबिक 11 वीं शताब्दी में छिंदक नागवंशी राजाओं द्वारा ढोलकल पहाड़ी में गणेश प्रतिमा स्थापित कराया गया था। इस प्रतिमा इर्दगिर्द सूर्य व शिव की प्रतिमा भी स्थापित थी। लेकिन वर्तमान में यहां अब अवशेष ही शेष हैं।
स्थानीय मान्यता है कि इस पहाड़ी पर परशुराम व गणेश के मध्य युद्ध हुआ था। इस दौरान गणेश का एक दन्त यंहा टूट गया था।जिस वजह से इस गांव का नाम फरसपाल रखा गया।
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