पाली शिव मंदिर - Pali Shiv Temple



पालीछत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले के कटघोरा तहसील से लगभग 30 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।  पाली स्थित शिव मंदिर का निर्माण बांण वंशी राजा विक्रमादित्य ने 870 ई. से 900 ईं. के मध्य करवाया था।

विशेषता :
इस मंदिर का निर्माण लाल बलुए पत्थरों से किया गया है। पूर्वाभिमुख वाले इस मंदिर में गर्भगृह व अष्टकोणीय मण्डप बना हुआ है।

इतिहास :
मंदिर का निर्माण बाण वंश राजा विक्रमादित्य ने 870 ई. से 900 ईं. के मध्य करवाया था।  डा. देवदत्त भंडारकर ने मंदिर के गर्भ गृह के द्वार की गणेश पट्टी पर बहुत बारीक अक्षरों में लिखे एक लेख को पढने में सफलता पायी। इस लेख का आशय यह है कि "महामंडलेश्वर मल्लदेव के पुत्र विक्रमादित्य ने  यह देवालय निर्माण कर कीर्ति दायक काम किया"

पाली में उल्लिखित विक्रमादित्य, महामंडलेश्वर मल्लदेव का पुत्र था अतः "जयमेरू" के रूप में उसकी पहचान बाण वंश के ही दूरे शिलालेखों के आधार पर कर ली गयी. जयमेरू का शासन  895 ईसवी तक रहा। कलचुरी शासक जाजल्लदेव प्रथम नें 11 वीं सदी में पाली के शिव मंदिर का जीर्णोद्धार ही करवाया था। मंदिर के अन्दर "श्रीमद जाजल्लादेवस्य कीर्ति रिषम" 3  जगह खुदा हुआ है।