छत्तीसगढ़ में कुल 4 अपवाह तंत्र है। इनमे साबसे बड़ी अपवहतंत्र प्रणाली महानदी है और इसकी सबसे बड़ी सहायक नदी शिवनाथ नदी है। महानदी को छत्तीसगढ़ की गंगा भी कहा जाता है।
अपवाह तंत्र | क्षेत्रफल | प्रतिशत |
---|---|---|
महानदी | 75858 वर्ग किलोमीटर | 56.11% |
गोदावरी | 38694 वर्ग किलोमीटर | 28.62% |
गंगा | 18407 वर्ग किलोमीटर | 13.61% |
नर्मदा | 744 वर्ग किलोमीटर | 0.55% |
महानदी अपवाह तंत्र :
यह छत्तीसगढ़ का प्रमुख अपवाह तंत्र प्रणाली है। इसके अंतर्गत प्रदेश का लगभग 55.51% क्षेत्र आता है। इसकी सहायक नदी शिवनाथ, हसदो, बोरई, माण्ड, ईब, पैरी, केलो, शंख, छोटी सोन और ब्राम्हाणी आदि हैं। शिवनाथ महानदी की प्रमुख सहायक है, जबकि शिवनाथ की सहायक नदियाँ हांप, आगर, मनियारी, अरपा, खारून, लीलानगर, तांदुला आदि हैं।
इसके प्रवाह क्षेत्र में धमतरी, महासमुंद, राजनांदगाँव, कवर्धा, जाँजगीर-चांपा एवं रायगढ़ जिले आते है।
गोदावरी प्रवाह तंत्र :
यह छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा अपवाह तंत्र है। छत्तीसगढ़ का करीब 39.27 प्रतिशत क्षेत्र आता है। बस्तर संभाग के करीब 93 प्रतिशत हिस्सा इस अपवाह तंत्र का हिस्सा है।
इसके अंतर्गत बस्तर, कांकेर और दंडवाड़ा जिले आते है।
प्रमुख सहायक नदियाँ इंद्रावती, सबरी, तालपेरू एवं चिंतावागु आदि हैं।
इंद्रावती एक प्रमुख सहायक नदी है, इसकी प्रमुख सहायक कोटरी, निवरा, गुदरा, बोरडिंग नारंगी, नंदीराज एवं चिन्तावागु हैं।
नर्मदा अपवाह तंत्र:
यह प्रदेश की साबसे छोटी अपवाह तंत्र है। यह प्रदेश के पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होती है। इसका मोहन अरब सागर में है और यह एस्चुरी का निर्माण करती है।
सहायक नदियां ( छत्तीसगढ़ से )- बंजर एवं ताडा है। इनका प्रवाह क्षेत्र कवर्धा एवं राजनांदगांव है।
>> मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियाँ
गंगा अपवाह तंत्र: यह राज्य का दूसरी छोटी अपवाह तंत्र है। राज्य से सोन नदी इनकी सहायक नदी है, जिसका उद्गम पेंड्रारोड तहसील के बंजारी पहाड़ी से हुआ है। पटना के निकट इसका विलय गंगा नदी में हो जाता है।
>>उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ
सहायक नदियां ( छत्तीसगढ़ से )- बंजर एवं ताडा है। इनका प्रवाह क्षेत्र कवर्धा एवं राजनांदगांव है।
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गंगा अपवाह तंत्र: यह राज्य का दूसरी छोटी अपवाह तंत्र है। राज्य से सोन नदी इनकी सहायक नदी है, जिसका उद्गम पेंड्रारोड तहसील के बंजारी पहाड़ी से हुआ है। पटना के निकट इसका विलय गंगा नदी में हो जाता है।
>>उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ
छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ
- महानदी - छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी अपवाह तंत्र है। महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है। इस नदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। इसकी लंबाई 851 कि. मी. है। छत्तीसगढ़ में इसकी लंबाई 286 कि. मी. है।
- शिवनाथ नदी - इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव के अम्बागढ़ तहसील के पानबरस की पहाड़ी से हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के ही बिलासपुर जिले में खरगाहनी गांव के समीप महानदी में मिलती है। इसकी कुल लंबाई 290 कि.मी. है।
- हसदेव नदी - इस नदी का उद्गम यह नदी कोरिया जिले के कैमूर की पहाड़ियों से होता है। इस नदी की कुल लंबाई 179 किमी है। यह नदी जांजगीर-चाम्पा जिले के केरा - शिलादेही के पास महानदी में जाकर मिलती है।
- अरपा नदी - इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला के पण्डरापाट के खोंडरी खोंगसरी से हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के मणिकचौरा के पास शिवनाथ नदी में मिलती है। इसकी कुल लंबाई लगभग 100 कि.मी. है।
- रेणुका/रेन्ड नदी( रिहंद ) - रिहंद या रेण्ड नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर तहसील के मतिरंगा पहाड़ी से हुआ है। यह सोन नदी की एक सहायक नदी है। उत्तर प्रदेश के रेणुकूट में यह नदी सोन नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंम्बाई 145 किलोमीटर है।
- खारुन नदी - उद्गम बालोद के चोरहानाला के दक्षिण-पूर्व के पेटेचुआ पहाड़ी से होता है। इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। इस नदी का विलय शिवनाथ नदी में सिमगा के निकट सोमनाथ क्षेत्र में होती है।
- लीलागर - उद्गम कोरबा के पूर्वी पहाड़ी से होती है। इसका प्राचीन नाम निडिला है। इसकी कुल लाम्बई 135 किलोमीटर है। यह नदी जांजगीर-चाम्पा और बिलासपुर जिले मध्य सीमा बनाती है। यह नदी शिवनाथ नदी की एक सहायक नदी है, जो कुटीघाट के समीप शिवनाथ नदी में विलय हो जाता है।
- ईद्रावती नदी - इसे बस्तर की जीवनरेखा कहा जाता है। इस नदी का उद्गम उड़ीसा के कालाहांडी जिले के रामपुर थुयमुल से होती है। इसकी कुल लाम्बई 372 कि.मी. है। भोपालपट्टनम के निकट गोदावरी नदी में मिल जाती है।
- कोटरी नदी - नदी का उद्गम राजनांदगांव जिले के मोहला तहसील से है। इस नदी को परलकोट नदी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी कुल लाम्बई करीब 135 किलोमीटर है। यह इंद्रावती नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- बाघ नदी - यह गोदावरी की सहायक नदी है। नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाव के कुलझारी पहाड़ी से होती है। यह नदी छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र के मध्य सीमा बनती है।
- मनियारी नदी - इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला के लोरमी पठार के सिहावल से है। यह नदी बिलासपुर जिले के अमेरिकांपा - तालागांव के निकट शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 134 कि.मी. है।
- शबरी नदी / कोलाब - इस नदी उदगम उड़ीसा के कोरापुट ज़िले के सिंकारम की पहाड़ियों से हुआ है। छत्तीसगढ़ में इसका उद्गम बैलाडीला के नंदिराज शिखर से माना जाता है। यह गोदावरी नदी की दूसरी बड़ी सहायक नदी है। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल लम्बाई 173 किमी. है।
- तांदुला नदी - नदी का उद्गम कांकेर के उत्तरी भाग के भानुप्रतापपुर से होती है। इसकी कुल लाम्बाई 64 किलोमीटर है। इस नदी का विलय शिवनाथ नदी में होता है।
- जोक नदी - इस नदी का उद्गम महासमुंद जिले के पिथौरा से है। जोंक नदी रायपुर के पूर्वी क्षेत्र का जल लेकर बलौदाबाजार जिले के मरकाना नामक स्थान पर शिवरीनारायण के ठीक विपरीत दक्षिणी तट पर महानदी में मिलती है। इस नदी की कुल लम्बाई 90 कि.मी. है तथा इसका प्रवाह क्षेत्र 2,480 वर्ग मीटर है।
- माण्ड नदी - इसका उद्गम सरगुजा जिले के मैनपाट गांव से है। यह गांव सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर से 55 किमी है। इस नदी की लंबाई 155 कि.मी. है। यह नदी जांजगीर-चाम्पा जिले में चंद्रपुर के समीप महानदी में जाकर मिलती है।
- हॉफ नदी - उद्गम कवर्धा के कंदबाड़ी की पहाड़ी से हुआ है। इसकी कुल लाम्बई 44 किलोमीटर है। शिवनाथ नदी मे इसका विलय होता है।
- आभनेर नदी
- नारंगी नदी
- पैरी नदी
- सोंढूर नदी
- ईब नदी
- कन्हार नदी