मैनपाट छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी भाग में सरगुजा जिले के एक छोटे से गांव है। जिला मुख्यालय अंबिकापुर से 45 किलोमीटर की दुरी पर स्थित एक हिल स्टेशन है। पअम्बिकापुर से मैंनपाट जाने के लिए दो रास्ते है पहला रास्ता अम्बिकापुर-सीतापुर रोड से होकर जाता और दुसरा ग्राम दरिमा होते हुए मैंनपाट तक जाता है। यह छत्तीसगढ़ एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
यह गांव परंपरागत रूप से यादव और आदिवासी जनजाती मांझी का घर है। यहाँ 1965 ई. से तिब्बती शरणार्थियों को बसाया गया है।
माण्ड नदी उद्गम मैनपाट गांव से है। मैनपाट में इस नदी पर सरभंजा जलप्रपात है। यह स्थान इको पॉइंट / टाइगर पॉइंट के नाम से प्रशिद्ध है।
बालको (BALCO) के लिये इस स्थान से बॉक्साइट निकाला जाता है।
यह गांव परंपरागत रूप से यादव और आदिवासी जनजाती मांझी का घर है। यहाँ 1965 ई. से तिब्बती शरणार्थियों को बसाया गया है।
माण्ड नदी उद्गम मैनपाट गांव से है। मैनपाट में इस नदी पर सरभंजा जलप्रपात है। यह स्थान इको पॉइंट / टाइगर पॉइंट के नाम से प्रशिद्ध है।
बालको (BALCO) के लिये इस स्थान से बॉक्साइट निकाला जाता है।
पर्यटन स्थल :
बूढ़ा नाग जलपरी मैनपाट ( Budha naag jalpari) - यह एक छोटा सा जलप्रपात है जो फिश पॉइंट से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दलदली / जलजली (Daldali / Jaljali)- मैनपाट से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर दलदल था, समय के साथ मिट्टी के पटाव और दूब/घास की वजह से ऊपर से कठोर हो गई, लेकिन इसके नीचे दबे दलदल की वजह से यह जम्पिंग लैंड बन चुकी है।
एलिफेंट पॉइंट (Elephant Point) - यहां एक छोटा जलप्रपात स्थित है। यह जलप्रपात जमदरहा नामक पहाड़ी नाले पर स्थित है।
मेहता पॉइंट (Mehta Point)- यह स्थान सूर्योदय एवं सूर्यास्त के मनोरम दृश्य के लिए जाना जाता है।