स्कंद वर्मन नल वंशी शासक थे। इनका शासन छेत्र बस्तर ( कोरापुट - वर्त्तमान कांकेर ) था। इनका शासन काल ५७५ ई. से ५०० ई. तक था। ये सबसे शक्तिशाली नल वंशी शासक थे। वाकाटको को पराजय कर नल वंश की पुरस्थापना की।
स्कंद वर्मन की मृत्यु के बाद कांकेर राज्य को बहुत हमलों का सामना करना पड़ा और राज्य कई भागों में विभाजित होगया है। प्रसिद्ध पल्लवंशी शासक पुलकेशिन द्वितीय ने उड़ीसा के कुछ हिस्सो के साथ-साथ इस छेत्र को भी जीत लिया। इनके काल में कांकेर राज्य में मंदिरों का बहुत निर्माण किया गया। पुलकेशिन द्वितीय के बाद, विक्रमादित्य, विनयादित्य , विक्रमादित्य द्वितीय, कृतिवर्मन द्वितीय ने ७८८ ई. तक शासन किया।