आप ने "धर्म", "मजहब" और "Religion" ये तीनो शब्द सुने होंगे, जिनका उपयोग अक्सर एक-दूसरे के पर्यायवाची के रूप में किया जाता है, आमतौर पर हमें ये एक ही लगते है, परंतु वास्तव में इनकी अवधारणाएँ एक-दूसरे से भिन्न हैं। पश्चिमी परिभाषा में अक्सर "धर्म" और "मजहब" को Religion की श्रेणी में रखा जाता है। हमे लगता है धर्म एक हिंदी शब्द है, मजहब एक उर्दू और Religion एक अंग्रेजी का शब्द है, लेकिन क्या यह सही है? इस लेख में हम इन तीनों शब्दों के अर्थ, मूलभूत अंतर और उनके दार्शनिक पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे। 1. धर्म (Dharm) धर्म संस्कृत के "धृ" धातु से बना है, जिसका अर्थ है धारण करना, टिकाए रखना, और संतुलन बनाए रखना । यह केवल आस्था तक सीमित नहीं बल्कि कर्तव्य, नैतिकता, सदाचार और ब्रह्मांडीय व्यवस्था को समाहित करता है। धर्म एक जीवन दर्शन है, जो व्यक्ति और समाज को नैतिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। विशेषताएँ: धर्म व्यक्तिगत आचरण, सामाजिक नियम, और नैतिक सिद्धांतों पर केंद्रित होता है। इसमें मोक्ष, कर्म, योग, पुनर्जन्म, और सत्य की खो...
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