छत्तीसगढ़ में सत्याग्रह आंदोलन की सुरुवात कंडेल नहर सत्याग्रह से हुई थी। इस आन्दोल का छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक विशेष स्थान है। यह आंदोलन वर्ष 1920 में जुलाई से दिसम्बर के बीच वर्तमान धमतरी जिले के कंडेल ग्राम में हुआ।
इस आंदोलन का नेतृत्व पंडित सुन्दरलाल, नारायणराव मेघा वाले तथा छीटेलाल श्रीवास्तव ने किया।
कारण:
मध्यप्रान्त एवं बरार सरकार के द्वारा 1914 में माडम सिल्ली में बांध तथा रुद्री गांव में बांध का निर्माण किया गया। सरकार किसानों के खेतो में पानी पहुचने के लिए उनसे 10 वर्षो का अनुबंध करना चाहते थे। लेकिन अनुबंध की राशि अधिक होने की वजह से किसानों से अनुबंध करने में सरकार असफल रही।
अगस्त 1920 में अंग्रेजों ने नहर काट कर पानी लेजाने का आरोप लगाया। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव ने इस आरोप निराधार बताया। परंतु सरकार ने कंडेल ग्राम से करीब 4000 रुपयों ( 4050 ) कर वसूली का आदेश दे दिया। जिसके विरोध में सत्याग्रह आंदोलन की सुरुवात हो गई।
- सरकार ने गांव वालों के मवेशियों को कुर्क कर लिया।
- बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव व लालाजी गिरफ्तार कर लिए गए।
परिणाम:
- इस आंदोलन की वजह से 20 दिसंबर 1920 को महात्मा गांधी का प्रथम छत्तीसगढ़ आगमन हुआ।
- रायपुर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने विवश हो कर गांघी जी के आगम के पूर्व ही अर्थदंड माफ किया और मवेशियों को वापस कर आंदोलन समाप्त करवा दिया।
इन्हे देखें :
महात्मा गांधी जी का छत्तीसगढ़ आगमन
छत्तीसगढ़ में असहयोग आन्दोलन 1920