सुरंग टीला मंदिर - Surang Tila Temple



सुरंग टीला मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले में सिरपुर शहर में स्थित 7 वी शाताब्दी का एक प्राचीन शिव मंदिर है। इस पश्चिममुखी विशाल मदिर में पाँच गर्भगृह हैं जिनमें चार भिन्न प्रकार के शिवलिंग हैं – सफ़ेद, काला, लाल और पीला, और अन्य एक गर्भगृह में भगवान गणेश की प्रतिमा विराजमान है। 
नोट: सिरपुर अपने प्राचीन मंदिरों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पुरातात्विक उत्खनन के लिए प्रख्यात है।

इस मन्दिर की खुदाई भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा सन् 2006-07 की गई । इस मंदिर का निर्माण पाण्डु  वंश के महाशिवगुप्त बालार्जुन द्वारा 7 वीं शताब्दी में करवाया गया। 11 वी शताब्दी में आये भूकंप से इस मंदिर को नुकसान पहुंचा परंतु नष्ट नहीं हो पाया, क्यो की इस मंदिर के निर्माण मे भूकम्प विरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। मंदिर में उपर से नीचे की तरफ सुरंग बनए गये है जो इस इमारत को भूकम्प विरोधी बनाते है। इन सुरंगो की वजह से ही इस मंदिर को सुरंग टीला कहते है।

मंदिर का निर्माण पंचायतन शैली में किया गया है। मंदिर के प्रांगण में 5 देवालय हैं जिनमें कि केंद्र स्थान में मुख़्य मंदिर और चारों कोनों में चार मंदिर स्थापित हैं। चूनापत्थर की 37 खड़ी सीढियां है। ये सीढ़ियां दोनों किनारों से मुड़ी हुई है। टीले की ऊंचाई लगभग 4.5 मी है। जिसके ऊपर सफ़ेद पत्थरों से बनी एक पिरामिड के आकार की संरचना है। 

मंदिर के प्रांगण में 32 पत्थर के खम्बे हैं जिन पर विभिन्न प्रकार के प्रतीक चिन्हों, रहस्यमयी चेहरों और नर्तकों की आकृतियाँ बहुत ही ख़ूबसूरती से उकेरी (खोदी) गई हैं।

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