यह मंदिर छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में स्थित संस्कारधानी शिवरीनारायण से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर बसे खरौद नगर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 6 वी शताब्दी में कराया गया था।
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण पाण्डु वंश के वास्तविक संस्थापक इन्द्रबल के पुत्र ईसानदेव ने करवाया था। लक्षणमेश्वर शिलालेख में ईसानदेव का उल्लेख है। यह एक शिव मंदिर है, इसे लखनेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। यहां लोगो की मान्यता है कि चावल के एक लाख दाने चढ़ाने पर इच्छा की पूर्ति होती है।
यह मंदिर 110 फीट लंबा और 48 फीट चौड़े चबूतरे पर निर्मित है। मंदिर के गर्भगृह में एक विशिष्ट शिवलिंग की स्थापना है। इस शिवलिंग की बडी विशेषता यह है कि शिवलिंग में एक लाख छिद्र है इसीलिये इसका नाम लक्षलिंग भी है।
शबरी माता मंदिर :
खरौद ग्राम में प्राचीन शबरी माता का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नही है। मगर मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण काल शिरपुर के लक्ष्मण मंदिर के आस–पास है।