छत्तीसगढ़ फूड इस्पेक्टर, हॉस्टल वार्डन एवं छत्तीसगढ़ पटवारी 2018 के लिए कंप्यूटर संबंधित प्रश्नोतरी:
छत्तीसगढ़ की कौन-सी जनजाति अपने आप को मेटाबूम कहलाना पसंद करते हैं
-अबुझमाड़िया
छत्तीसगढ़ की कौन-सी जनजाति अपने आप को मेटाबूम कहलाना पसंद करते हैं
-अबुझमाड़िया
माड़िया जनजाति द्रविड़ प्रजाति की है, जात्रा पर्व के दौरान गौर नृत्य करते है इनके निवास स्थल को कहा जाता है:
-ढाना
-ढाना
निम्न में किस जनजाति को छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति में अलग से शामिल किया है ?
-पण्डो एवं भुजिया
-पण्डो एवं भुजिया
दोरला जनजाति बहुल जिला है-
-दन्तेवाड़ा
-दन्तेवाड़ा
उस जनजाति में बिंदरी, नवाखाई, जवांरा, आदि पर्व होते हैं इनमें मंगनी विवाह, राजी-बाजी विवाह प्रचलित हैं। इनकी मूल बोली भरनोटी या भरियाटी है।
-भारिया जनजाति
-भारिया जनजाति
छत्तीसगढ़ में सावन मास के हरेली अमावस्या को लेकर भादो मास की पूर्णिमा तक कौन सा नृत्य किया जाता है।
-गेंडी नृत्य
-गेंडी नृत्य
"हनालगट्टा" नामक स्मृति स्तंभ कौन सी अनुसूचित जनजाति बनाते है?
-माड़िया
"पारद" क्या है?
- शिकार
"कुडास" और "किसान" किस अनुसूचित जनजाति की उपजातियाँ है?
- ओराव
"खुड़िया रानी" किस जनजाति की मुख्य देवी है?
- कोरवा
"नाहर" एक उप जनजाति है:
- बैगा की
"सिंगरी" देव किस जनजाति के प्रमुख देव है?
- कोरकू
"तीर" किस जनजाति का प्रतीक चिह्न है?
- बिंझवार
"नाहर" एक उप जनजाति है:
- बैगा की
"सिंगरी" देव किस जनजाति के प्रमुख देव है?
- कोरकू
"तीर" किस जनजाति का प्रतीक चिह्न है?
- बिंझवार
किस जनजाति के पूजा स्थल को बगिया कहा जाता है:
-उरांव
-उरांव