शिवनाथ नदी, छत्तीसगढ़ राज्य के महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। इसका उद्गम छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव के अम्बागढ़ तहसील के पानबरस की पहाड़ी से हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के ही बिलासपुर जिले में खरगाहनी गांव के समीप महानदी में मिलती है। इसकी कुल लंबाई 290 कि.मी. है। यह छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लंबी नदी है। इसका अन्य नाम सीनू या शिवा है।
राजनांदगांव जिले के अंतर्गत शिवनाथ नदी में एक मछुवारे के जाल में विशेष प्रजाति का स्टार बैक कछुआ मिला है। यह कछुआ खारे पानी में पाया जाता है। इसके पीठ पर बने स्टार आकृति के कारण इसे "स्टार बैक" कहा जाता है।
तट पर स्थित नगर :
राजनांदगांव, दुर्ग एवं मदकू द्वीप नाम का एक द्वीप इस नदी पर बिलासपुर जिले में स्थित है। इसका प्रवाह क्षेत्र राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर एवं जांजगीर-चाम्पा जिला है।
सहायक नदिया :
उत्तर से : आभनेर, हॉफ, आगर, मनियारी, अरपा, लीलागर एवं जमुनिया।
दक्षिण से : खरखरा, तांदुला, खारुन।
सिंचाई परियोजना:
मोंगरा बैराज परियोजना इसी नदी में है। इसका निर्माण 2008 में पूर्ण हुआ है।
विवाद:
शिवनाथ नदी का उद्गम महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली जिले के कोटगुल तहसील में मोड़री गांव के समीप खेतो से है। अंग्रेजो के शासनकाल में चंद्रपुर से दुर्ग तक का क्षेत्र चाँद तहसील में आता था। तब पानबरस और कोटगुल के जमींदारी को एक माना जाता था। इसलिए कोटगुल से निकलने वाली शिवनाथ नदी को अंग्रेजो के द्वारा पानबरस दर्ज किया गया।
राजनांदगांव जिले के अंतर्गत शिवनाथ नदी में एक मछुवारे के जाल में विशेष प्रजाति का स्टार बैक कछुआ मिला है। यह कछुआ खारे पानी में पाया जाता है। इसके पीठ पर बने स्टार आकृति के कारण इसे "स्टार बैक" कहा जाता है।
तट पर स्थित नगर :
राजनांदगांव, दुर्ग एवं मदकू द्वीप नाम का एक द्वीप इस नदी पर बिलासपुर जिले में स्थित है। इसका प्रवाह क्षेत्र राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर एवं जांजगीर-चाम्पा जिला है।
सहायक नदिया :
उत्तर से : आभनेर, हॉफ, आगर, मनियारी, अरपा, लीलागर एवं जमुनिया।
दक्षिण से : खरखरा, तांदुला, खारुन।
सिंचाई परियोजना:
मोंगरा बैराज परियोजना इसी नदी में है। इसका निर्माण 2008 में पूर्ण हुआ है।
विवाद:
शिवनाथ नदी का उद्गम महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली जिले के कोटगुल तहसील में मोड़री गांव के समीप खेतो से है। अंग्रेजो के शासनकाल में चंद्रपुर से दुर्ग तक का क्षेत्र चाँद तहसील में आता था। तब पानबरस और कोटगुल के जमींदारी को एक माना जाता था। इसलिए कोटगुल से निकलने वाली शिवनाथ नदी को अंग्रेजो के द्वारा पानबरस दर्ज किया गया।
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छत्तीसगढ़ कि प्रमुख नदियाँ